💰 बैंकिंग (Banking) – “पैसे की दुनिया का गाइड”
👉 सोचिए 💭 – आप बैंक में पैसे जमा करते हैं, लोन लेते हैं, और आर्थिक गतिविधियाँ चलती हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बैंकिंग सिस्टम के पीछे क्या नियम, खतरे और नीतियाँ हैं? 🏦
यह नोट्स आपको बताएंगे
Non-Performing Assets, Basel Norms, Monetary Aggregates और Quantity Theory of Money के बारे में।
1️⃣ गैर-प्रदर्शनकारी संपत्ति (Non-Performing Assets - NPA)
- 🔹 परिभाषा: जब किसी ऋण का भुगतान 90 दिन से अधिक विलंबित हो।
- 🔹 Stressed Assets: Regular → Sub-standard → Doubtful → Loss → Written off
- 🔹 Bad Banks:
- NARCL (National Asset Reconstruction Company Ltd.)
- IDRCL (India Debt Resolution Company Ltd.)
- 🔹 कानून:
- SARFAESI Act, 2002 → संपत्ति जब्त करने का अधिकार
- Insolvency & Bankruptcy Code, 2016 → दिवालियापन कानून का एकीकरण
- 🔹 Wilful Defaulter: जो चुका सकता है लेकिन भुगतान नहीं करता।
⭐️
Why Important?
➡️ NPAs बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता और ऋण वितरण क्षमता पर सीधे असर डालते हैं।
2️⃣ बेसल मानक (Basel Norms)
- 🔹 उत्पत्ति: Basel Committee on Banking Supervision, 1974, Switzerland
- 🔹 मुख्य उद्देश्य: बैंकिंग प्रणाली में पूंजी सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन
- 🔹 प्रकार:
- Basel I (1988) → Credit Risk, CAR ≥ 8%
- Basel II (2004)
- Basel III (2008)
⭐️
Why Important?
➡️ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकिंग की विश्वसनीयता और जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करता है।
3️⃣ तरलता (Liquidity)
- 🔹 परिभाषा: किसी संपत्ति को नकद में बदलने की आसानी।
- 🔹 Liquidity Trap: जब लोग कैश रखना पसंद करते हैं और मौद्रिक नीति असर नहीं करती।
- 🔹 Money Market:
- Call Money → 1 दिन का ऋण
- Notice Money → 2-14 दिन का ऋण
- Treasury Bills → 91, 182, 364 दिन का ऋण, डिस्काउंट पर बेचे जाते हैं
⭐️
Why Important?
➡️ तरलता अर्थव्यवस्था में निवेश और विकास की दिशा तय करती है।
4️⃣ मुद्रा और मौद्रिक संकुल (Types of Money & Monetary Aggregates)
- 🔹 Currency in Circulation → जनता और बैंक में मुद्रा
- 🔹 Deposits with Bank:
- Demand Deposit → Savings + Current Accounts
- Term Deposit → Fixed + Recurring
- 🔹 Deposits with RBI → बैंकों और अन्य संस्थाओं से
- 🔹 Postal Deposit → बैंक जैसी जमा प्रणाली
- 🔹 Monetary Aggregates:
- M0 → Reserve Money / High-Powered Money
- M1 → Narrow Money (Currency + Demand Deposits + RBI Deposits)