💰 मुद्रा और बैंकिंग (Money & Banking) – 🏦 "पैसे का प्रवाह, अर्थव्यवस्था की राह!"
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शुरुआत (Storytelling Style):
कल्पना करें कि आपके पास ₹100 हैं — आप बैंक में जमा करते हैं 💰, बैंक उसे किसी व्यवसायी को उधार देता है 🏭, और वही पैसा देश की अर्थव्यवस्था में घूमता रहता है।
यही है
Money & Banking System — भारत की आर्थिक नाड़ियों का नेटवर्क! ⚙️
1️⃣ भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) 🏦
- 🔹 उत्पत्ति / परिभाषा (Origin / Definition):
- RBI Act, 1934 के तहत स्थापित।
- स्थापना: 1 अप्रैल 1935, Hilton Young Commission (1926) की सिफारिश पर।
- मुख्यालय: पहले कोलकाता → 1937 में मुंबई स्थानांतरित।
- राष्ट्रीयकरण: 1 जनवरी 1949।
- 🔹 अवधारणा (Concept):
- देश का मुद्रा प्राधिकरण और मौद्रिक नीति नियंत्रक।
- बैंकिंग प्रणाली का केन्द्रीय बैंक।
1.
बैंक नियामक (Regulator):
- बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत नियंत्रण।
- CRR (Cash Reserve Ratio) और SLR (Statutory Liquidity Ratio) निर्धारण।
2.
मुद्रा निर्गम (Currency Printing):
- ₹1 को छोड़कर सभी नोट RBI द्वारा मुद्रित।
- प्रेस स्थान: नासिक, देवास, मैसूर, सालबोनी।
- मिंट स्थान: मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, नोएडा।
3.
मौद्रिक नीति (Monetary Policy):
- महँगाई और विकास का संतुलन बनाए रखना।
4.
बैंकरों का बैंक (Banker’s Bank):
- अंतिम ऋणदाता (Lender of Last Resort)।
- 🔹 नेतृत्व (Leadership):
- प्रथम गवर्नर: Osborne Smith
- प्रथम भारतीय गवर्नर: C. D. Deshmukh
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Why Important?
RBI भारतीय अर्थव्यवस्था का “दिल” है — यह पैसे की नाड़ी और प्रवाह दोनों को नियंत्रित करता है।
2️⃣ बैंकिंग प्रणाली का वर्गीकरण (Classification of Banking System) 🏛️
- 🔹 अवधारणा:
- RBI Act, 1934 की द्वितीय अनुसूची के आधार पर बैंक दो श्रेणियों में विभाजित:
- Scheduled Banks
- Non-Scheduled Banks
- 🔹 Scheduled Banks में प्रकार:
1.
Commercial Banks (वाणिज्यिक बैंक):
- लाभ उन्मुख बैंक।
- उप-प्रकार:
- Public Sector Banks (12 राष्ट्रीयकृत बैंक)
- Private Banks (HDFC, Kotak)
- Foreign Banks (HSBC, Citi Group)
2.
Cooperative Banks:
- लाभ रहित, सदस्य-आधारित बैंक।
⭐️
Why Important?
यह वर्गीकरण वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करता है और RBI को नियमन आसान बनाता है।
3️⃣ भारत में बैंकिंग का इतिहास (History of Banking in India) 📜
- 🔹 प्रमुख पड़ाव:
- 1770: Bank of Hindustan – भारत का पहला बैंक।
- 1806–1843: तीन Presidency Banks – कलकत्ता, बॉम्बे, मद्रास।
- 1865: Allahabad Bank – पहला भारतीय स्वामित्व वाला बैंक।
- 1921: तीन Presidency Banks का विलय → Imperial Bank of India।
- 1955: Imperial Bank का राष्ट्रीयकरण → State Bank of India (SBI)।
- 1975: पहला RRB – Pratham Grameen Bank (UP)
- RRB Act, 1976: ग्रामीण बैंकिंग विकास हेतु।
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Why Important?
यह यात्रा दर्शाती है कि भारतीय बैंकिंग कैसे “औपनिवेशिक मॉडल” से “जनसुलभ प्रणाली” में विकसित हुई।
4️⃣ प्रमुख वित्तीय संस्थान (Major Financial Institutions) 🏦
- 🔹 NABARD (National Bank for Agriculture and Rural Development):
- स्थापना: 12 जुलाई 1982
- समिति: B. Sivaramman Committee
- कार्य: ग्रामीण बैंकिंग और कृषि वित्तपोषण
- मुख्यालय: मुंबई
- 🔹 SEBI (Securities and Exchange Board of India):
- स्थापना: 1988 (क़ानूनी दर्जा: 1992)
- उद्देश्य: निवेशकों की सुरक्षा और पूंजी बाज़ार नियमन।
- अध्यक्ष: Madhabi Puri Buch (पहली महिला और non-IAS)।
- मुख्यालय: मुंबई
- 🔹 NHB (National Housing Bank):
- स्थापना: 1988 (Act of 1987)
- कार्य: आवास वित्त को बढ़ावा देना।
- 🔹 IRDAI (Insurance Regulatory & Development Authority of India):
- स्थापना: 1999 (Act द्वारा 2000 में वैधानिक)।
- कार्य: बीमा क्षेत्र का नियमन।
- 🔹 SIDBI (Small Industries Development Bank of India):
- स्थापना: 2 अप्रैल 1990
- मुख्यालय: लखनऊ
- कार्य: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का विकास।
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Why Important?
ये संस्थान भारत की वित्तीय रीढ़ हैं – हर क्षेत्र को “Targeted Financial Support” देते हैं।
5️⃣ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (Non-Banking Financial Companies - NBFCs) 💼
- 🔹 परिभाषा / नियमन:
- Companies Act, 1956 के तहत पंजीकृत।
- RBI द्वारा विनियमित।
- 🔹 कार्य:
- ऋण, स्वर्ण ऋण, और निवेश सेवाएँ।
- Demand Deposit स्वीकार नहीं कर सकते।
- CRR/SLR लागू नहीं।
- उदाहरण: Bajaj Finance, Muthoot Finance, Mahindra Finance।
- 🔹 NBFC-MFI (Microfinance NBFC):
- कम-आय वर्ग के लिए ऋण सेवाएँ।
- कम से कम 75% संपत्ति माइक्रोफाइनेंस में निवेशित।
- समिति: Malegam Committee (2010)
⭐️
Why Important?
NBFCs ग्रामीण और असंगठित क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाएँ पहुँचाती हैं — वित्तीय समावेशन की कुंजी।
6️⃣ सूक्ष्म वित्त संस्थान (Microfinance Institutions - MFIs) 💰
- 🔹 उत्पत्ति:
- अवधारणा: मोहम्मद यूनुस (Bangladesh) द्वारा 1970s में Grameen Model।
- भारत में पहला MFI: SEWA Bank (1974)।
- 🔹 कार्य:
- गरीब परिवारों (आय < ₹1.25 लाख/वर्ष) को छोटे ऋण, बचत और बीमा सेवाएँ।
- Self Help Groups (SHGs): 10–20 सदस्य, गरीबी रेखा से नीचे।
- Joint Liability Groups (JLGs): 4–10 सदस्य, छोटे व्यवसाय हेतु।
⭐️
Why Important?
MFIs ने भारत में “बिना जमानत ऋण” की संस्कृति को जन्म दिया — आत्मनिर्भर भारत की नींव।
7️⃣ मुद्रा योजना (MUDRA Scheme) 💹
- 🔹 लॉन्च: 2015
- 🔹 पूरा नाम: Micro Units Development & Refinance Agency
- 🔹 उद्देश्य: सूक्ष्म उद्यमों को बिना जमानत ऋण।
- 🔹 ऋण श्रेणियाँ:
1.
Shishu: ₹50,000 तक
2.
Kishore: ₹50,000 – ₹5 लाख
3.
Tarun: ₹5 लाख – ₹10 लाख
⭐️
Why Important?
MUDRA योजना छोटे उद्यमियों को आर्थिक स्वतंत्रता देती है — “Job Se Job Creator” बनने का माध्यम।
🏁 निष्कर्ष (Conclusion) 💬
- भारतीय बैंकिंग प्रणाली केवल पैसा जमा करने की जगह नहीं, बल्कि विकास की धड़कन है।
- RBI से लेकर SHGs तक, हर संस्था आर्थिक सशक्तिकरण की एक कड़ी है।
📈
Evolution Line:
RBI → Banks → NBFC → MFIs → MUDRA → 🏠 Financial Inclusion → 🌍 Global Financial Integration
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