Modern History > 4. मराठा साम्राज्य (The Marathas)

4. मराठा साम्राज्य

Summary: ✨ मराठा साम्राज्य (The Marathas) – “स्वराज्य से साम्राज्य तक का सफर 🇮🇳🔥” 👉 Introduction: 17वीं सदी में जब भारत मुग़ल शासन की छाया में था, तब महाराष्ट्र की धरती पर एक वीर योद्धा उभरा –...

Key Highlights

Important Years:
170017071749
Key Terms:
1️⃣ Rise of Shivaji Maharaj 🇮🇳🗡2️⃣ Successors of Shivaji ⚔️

✨ मराठा साम्राज्य (The Marathas) – “स्वराज्य से साम्राज्य तक का सफर 🇮🇳🔥”

👉 Introduction: 17वीं सदी में जब भारत मुग़ल शासन की छाया में था, तब महाराष्ट्र की धरती पर एक वीर योद्धा उभरा – छत्रपति शिवाजी महाराज ⚔️। उन्होंने न सिर्फ़ मराठा शक्ति को संगठित किया बल्कि “हिन्दवी स्वराज्य” की नींव रखी — एक ऐसा शासन जो जनता के लिए, जनता द्वारा था। यह कहानी है उनके साहस, प्रशासन और उनके उत्तराधिकारियों के संघर्ष की। 📜✨

1️⃣ शिवाजी महाराज का उदय (Rise of Shivaji Maharaj) 🇮🇳🗡

🔹 पृष्ठभूमि / कारण (Background / Causes)

🔹 प्रमुख घटनाएँ (Key Events)

🔹 प्रशासनिक व्यवस्था (Administration)

🔹 परिणाम / प्रभाव (Results)

📍 महत्वपूर्ण तिथियाँ / स्थान: ⭐️ Why Important? शिवाजी का शासन भारतीय स्वराज्य की पहली सफल प्रयोगशाला था – जहां निष्ठा, नीति और प्रशासन तीनों का संतुलन था।

2️⃣ शिवाजी के उत्तराधिकारी (Successors of Shivaji) ⚔️

🔹 संभाजी (1680–1689)

🔹 राजाराम (1689–1700)

🔹 ताराबाई (1700–1707)

🔹 शाहूजी (1707–1749)

⭐️ Why Important? इन उत्तराधिकारियों ने शिवाजी के स्वराज्य को जीवित रखा और मराठा साम्राज्य को एक संघीय रूप दिया।

3️⃣ पेशवा और मराठा संघ (Peshwas and the Maratha Confederacy) ⚖️

🔹 बालाजी विश्वनाथ (1713–1720)

🔹 बाजीराव प्रथम (1720–1740)

🔹 बालाजी बाजीराव (1740–1761)

🔹 मराठा संघ के प्रमुख घराने:

⭐️ Why Important? पेशवाओं के काल में मराठों ने भारत के विशाल भाग पर नियंत्रण किया, जिससे ब्रिटिश सत्ता को चुनौती मिली।

4️⃣ एंग्लो-मराठा युद्ध (Anglo-Maratha Wars) ⚔️🇬🇧

🏹 पहला एंग्लो-मराठा युद्ध (1775–1782)

🛡️ दूसरा एंग्लो-मराठा युद्ध (1803–1805)

⚔️ तीसरा एंग्लो-मराठा युद्ध (1817–1818)

⭐️ Why Important? इन युद्धों के बाद मराठा साम्राज्य का अंत हुआ और भारत पर ब्रिटिश प्रभुत्व की नींव मजबूत हुई।

🏁 निष्कर्ष (Conclusion)

मराठों का इतिहास वीरता, प्रशासनिक कुशलता और स्वराज्य के स्वप्न से भरा हुआ है। शिवाजी से लेकर पेशवाओं तक, मराठों ने भारत की स्वतंत्रता चेतना को जीवित रखा। 📜 Evolution Line: शिवाजी का स्वराज्य → पेशवाओं का विस्तार → एंग्लो-मराठा युद्ध → ब्रिटिश सत्ता का उदय → 1857 की क्रांति की पृष्ठभूमि।

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