✨ मराठा साम्राज्य (The Marathas) – “स्वराज्य से साम्राज्य तक का सफर 🇮🇳🔥”
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Introduction:
17वीं सदी में जब भारत मुग़ल शासन की छाया में था, तब महाराष्ट्र की धरती पर एक वीर योद्धा उभरा –
छत्रपति शिवाजी महाराज ⚔️।
उन्होंने न सिर्फ़ मराठा शक्ति को संगठित किया बल्कि “हिन्दवी स्वराज्य” की नींव रखी — एक ऐसा शासन जो जनता के लिए, जनता द्वारा था।
यह कहानी है उनके साहस, प्रशासन और उनके उत्तराधिकारियों के संघर्ष की। 📜✨
1️⃣ शिवाजी महाराज का उदय (Rise of Shivaji Maharaj) 🇮🇳🗡
- जन्म: 1630, शिवनेरी किला
- पिता: शाहजी भोंसले
- माता: जीजाबाई
- गुरु: समर्थ रामदास
🔹 पृष्ठभूमि / कारण (Background / Causes)
- मुग़लों और बीजापुर सुल्तानत के बीच की सत्ता-संघर्ष में मराठों के उभरने का अवसर।
- जनता में स्थानीय शासन और धर्म रक्षण की भावना का विकास।
🔹 प्रमुख घटनाएँ (Key Events)
- 1660: औरंगज़ेब ने शाइस्ता खान को दक्षिण में भेजा।
- 1665: जय सिंह (अंबर) ने शिवाजी पर चढ़ाई की।
- 1674: रायगढ़ पर राज्याभिषेक, “छत्रपति” और “हिंदवी धर्मोध्दारक” की उपाधि ग्रहण की।
🔹 प्रशासनिक व्यवस्था (Administration)
- अष्टप्रधान परिषद (Council of Eight Ministers) की स्थापना।
- दो प्रमुख कर:
- चौथ: पड़ोसी राज्यों से 25% कर
- सरदेशमुखी: महाराष्ट्र की भूमि पर 10% अतिरिक्त कर
🔹 परिणाम / प्रभाव (Results)
- एक संगठित मराठा राज्य की नींव पड़ी।
- दक्षिण भारत में मराठा प्रभुत्व स्थापित हुआ।
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महत्वपूर्ण तिथियाँ / स्थान:
- 1630 – जन्म (शिवनेरी किला)
- 1674 – राज्याभिषेक (रायगढ़)
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Why Important?
शिवाजी का शासन भारतीय स्वराज्य की पहली सफल प्रयोगशाला था – जहां निष्ठा, नीति और प्रशासन तीनों का संतुलन था।
2️⃣ शिवाजी के उत्तराधिकारी (Successors of Shivaji) ⚔️
🔹 संभाजी (1680–1689)
- औरंगज़ेब के विद्रोही पुत्र अकबर द्वितीय को आश्रय दिया।
- अपने भाई राजाराम को हराया।
- बहादुरी से लड़ा, पर 1689 में मुग़लों ने बंदी बनाकर उनकी हत्या कर दी।
🔹 राजाराम (1689–1700)
- राजगढ़ में मंत्रीमंडल की सहायता से गद्दी संभाली।
- “प्रतिनिधि” नामक नया पद बनाया।
- मृत्यु: 1700, सातारा में।
🔹 ताराबाई (1700–1707)
- राजाराम की पत्नी, पुत्र शिवाजी द्वितीय के नाम पर शासन किया।
- मराठों की वीरांगना, जिन्होंने मुग़लों से संघर्ष जारी रखा।
🔹 शाहूजी (1707–1749)
- बहादुरशाह द्वारा मुक्त किए गए।
- खेड की लड़ाई में ताराबाई को हराया।
- पेशवाओं के युग की शुरुआत शाहूजी के काल से हुई।
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Why Important?
इन उत्तराधिकारियों ने शिवाजी के स्वराज्य को जीवित रखा और मराठा साम्राज्य को एक संघीय रूप दिया।
3️⃣ पेशवा और मराठा संघ (Peshwas and the Maratha Confederacy) ⚖️
🔹 बालाजी विश्वनाथ (1713–1720)
- पहले पेशवा (प्रधान मंत्री) बने।
- “सेना-कर्ता” की उपाधि मिली।
- पेशवा पद को वंशानुगत बनाया।
- सैयद बंधुओं को सिंहासन पर बिठाने में मदद (1719)।
🔹 बाजीराव प्रथम (1720–1740)
- बालाजी विश्वनाथ के पुत्र।
- 1737 में दिल्ली पर चढ़ाई।
- निज़ाम-उल-मुल्क को हराया, दोहरा सराय संधि पर हस्ताक्षर।
🔹 बालाजी बाजीराव (1740–1761)
- नाना साहेब के नाम से प्रसिद्ध।
- उनके काल में मराठों की हार – तीसरी पानीपत की लड़ाई (1761) अफगानों से।
🔹 मराठा संघ के प्रमुख घराने:
- पेशवा – पुणे
- गायकवाड़ – बड़ौदा
- भोंसले – नागपुर
- होल्कर – इंदौर
- शिंदे – ग्वालियर
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Why Important?
पेशवाओं के काल में मराठों ने भारत के विशाल भाग पर नियंत्रण किया, जिससे ब्रिटिश सत्ता को चुनौती मिली।
4️⃣ एंग्लो-मराठा युद्ध (Anglo-Maratha Wars) ⚔️🇬🇧
🏹 पहला एंग्लो-मराठा युद्ध (1775–1782)
- मराठों के आंतरिक संघर्ष से आरंभ।
- नाना फडणवीस ने ब्रिटिशों को हराया।
- वडगांव संधि, फिर सालबाई संधि (1782) पर हस्ताक्षर।
🛡️ दूसरा एंग्लो-मराठा युद्ध (1803–1805)
- बाजी राव द्वितीय ने युद्ध हारा।
- बासेन की संधि (1802) – अंग्रेजों के साथ Subsidiary Alliance।
- देवगांव संधि (भोंसले से) और राजघाट संधि (होल्कर से)।
⚔️ तीसरा एंग्लो-मराठा युद्ध (1817–1818)
- इसे पिंडारी युद्ध भी कहा गया।
- बाजी राव द्वितीय पकड़े गए और बिठूर भेजे गए।
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Why Important?
इन युद्धों के बाद मराठा साम्राज्य का अंत हुआ और भारत पर ब्रिटिश प्रभुत्व की नींव मजबूत हुई।
🏁 निष्कर्ष (Conclusion)
मराठों का इतिहास वीरता, प्रशासनिक कुशलता और स्वराज्य के स्वप्न से भरा हुआ है।
शिवाजी से लेकर पेशवाओं तक, मराठों ने भारत की स्वतंत्रता चेतना को जीवित रखा।
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Evolution Line:
शिवाजी का स्वराज्य → पेशवाओं का विस्तार → एंग्लो-मराठा युद्ध → ब्रिटिश सत्ता का उदय → 1857 की क्रांति की पृष्ठभूमि।
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