✨ संगम युग (Sangama Age) – तमिल सभ्यता और साहित्य का स्वर्णकाल 🏺📜
👉 मौर्योत्तर और दक्षिण भारत के इतिहास में संगम युग का अपना अलग ही स्थान है। यहाँ साहित्य, कला और समुद्री व्यापार ने तमिल समाज को समृद्ध किया। 🏹🌊
1️⃣ संगम साहित्य (Sangam Literature) – प्रेम, युद्ध और नैतिकता का संगम
- 🔹 कुल संगम: 3 संगम
- 🔹 संरक्षक: पाण्ड्य शासक
- 🔹 स्थान: मुछांगम (तमिल क्षेत्र)
- 🔹 प्रथम संगम: मदुरै (आगस्त्य), द्वितीय: कपडापुरम (तोलकप्पियार), तृतीय: मदुरै (नक्किरार)
- 🔹 व्याकरण ग्रंथ: तोलकप्पियम
- 🔹 साहित्य के प्रकार:
- कथात्मक (Narrative) – मेलकणक्कू, 8 प्रमुख कृतियाँ
- नैतिक/काव्यात्मक (Didactic Poetic) – किलकणक्कू, 18 लघु कृतियाँ (अकम – प्रेम, पुरम – युद्ध)
- प्रमुख कृतियाँ: सिलपाथिकम् (इलांगो अडिगल), मणिमेगलई (सत्तोनार)
- ⭐️ महत्व: दक्षिण भारत में साहित्य और नैतिकता का स्थायी प्रभाव।
2️⃣ शासक वंश (Dynasties) – पाण्ड्य, चोल, और चेऱ
- 🔹 पाण्ड्य:
- क्षेत्र: तमिलनाडु
- राजधानी: मदुरै (वैगई नदी के किनारे)
- प्रतीक: मछली
- पोत: मोती, रोम के साथ व्यापार
- बंदरगाह: कोरकाई
- 🔹 चोल:
- क्षेत्र: पेनार और वेलर नदी के बीच
- राजधानी: उरैयुर और पुहार (कावेरीपत्तनम – बंदरगाह)
- प्रारंभिक शासक: एлара, महान शासक: करिकला (वन्नी युद्ध)
- प्रतीक: बाघ
- कपड़े और वस्त्र व्यापार
- 🔹 चेऱ:
- क्षेत्र: केरल, तमिलनाडु
- राजधानी: वंजी / वांची
- बंदरगाह: मुज्रीस और टोंडी
- प्रमुख शासक: सेनगुत्तुवन (रेड चेऱ)
- प्रतीक: धनुष और बाण
- कन्नागी (पवित्रता की देवी) की पूजा
- ⭐️ महत्व: दक्षिण भारत में स्थिर राजनीतिक और आर्थिक संरचना।
3️⃣ समाज और वर्ग व्यवस्था (Society & Lifestyle)
- 🔹 शासक वर्ग: अरसर
- 🔹 धनी कृषक: वेल्लालार
- 🔹 निम्न वर्ग: कड़ैसियार
- ⭐️ महत्व: सामाजिक संरचना और जीवन शैली का स्पष्ट ज्ञान।
4️⃣ भूगोल और अर्थव्यवस्था (Geography & Economy)
- 🔹 थिनाई (Thinais) – 5 भौगोलिक क्षेत्र और प्रमुख कार्य:
- कुरिंची: शिकार और संग्रह
- पलाई: पशुपालन और डकैती
- मुल्लई: पशुपालन
- मरुतम: कृषि
- नैताल: मछली पकड़ना और नमक निर्माण
- 🔹 व्यापारी: पाण्ड्य और चेऱ के बंदरगाह, रोम के साथ व्यापार
- ⭐️ महत्व: भौगोलिक स्थिति और समुद्री व्यापार ने सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ाया।
5️⃣ प्रमुख स्थल / प्रमाण (Important Sites / Evidence)
- 🔹 संगम साहित्य और काव्य
- 🔹 मदुरै, पुहार, वांची – राजधानी
- 🔹 कोरकाई, मुज्रीस – बंदरगाह
- 🔹 अशोक शिलालेख – चेऱ (करालापुत्र), पाण्ड्य, चोल, ताम्रपर्णी
- ⭐️ महत्व: साहित्य और शिलालेखों से इतिहास का प्रमाण मिलता है।
🏁 निष्कर्ष (Conclusion)
- संगम युग – तमिल सभ्यता, साहित्य, राजनीति और समुद्री व्यापार का स्वर्णकाल।
- सृजन-क्रम (Evolution Line): संगम युग → मौर्योत्तर दक्षिण भारत → चालुक्य, पल्लव काल → मध्यकालीन भारत 🇮🇳
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