✨ जैन धर्म (Jainism) – अहिंसा और मोक्ष का मार्ग 🕉️✋
👉 जब भारत में धर्म और आत्मा की खोज जोरों पर थी, उसी समय जन्मा
जैन धर्म, जो
अहिंसा, सत्य और आत्मा की मुक्ति पर आधारित है। चलिए जानते हैं इस धार्मिक और दार्शनिक परंपरा की कहानी 🏺🕊️।
1️⃣ उत्पत्ति / पृष्ठभूमि
- 🔹 जैन दर्शन – प्राकृत भाषा में साहित्य
- 🔹 मोक्ष के 3 सिद्धांत:
- सम्यक ज्ञान
- सम्यक दर्शन
- सम्यक आचार
- 🔹 जीवन के 5 मूल नियम:
- अहिंसा – हिंसा नहीं
- सत्य – केवल सत्य बोलें
- अस्तेय – चोरी न करें
- ब्रह्मचर्य – यौन संयम
- अपरिग्रह – सांसारिक वस्तुओं और संबंधों से दूर रहना
- 🔹 शाखाएँ:
- दिगंबर – बिना वस्त्र, चंद्रगुप्त मौर्य एवं भद्रबाहु श्रवणबेलगोला, कर्नाटक गए, संन्यास /Sallekhana
- श्वेतांबर – सफेद वस्त्र, स्थूलभद्र
- ⭐️ महत्व: जीवन और मोक्ष के मार्ग में सिद्धांतों का स्पष्ट रूप।
2️⃣ तीर्थंकर
- 🔹 कुल 24 तीर्थंकर
- 🔹 प्रमुख:
- ऋषभदेव – प्रथम, जन्म: अयोध्या, प्रतीक: बैल
- पार्श्वनाथ – 23वें, जन्म: वाराणसी, प्रतीक: सर्प
- वर्धमान महावीर – 24वें, मुख्य संस्थापक, प्रतीक: सिंह, जन्म: 540 ई.पू., कुंडग्राम, वैशाली, बिहार, मोक्ष: 468 ई.पू., पावापुरी, बिहार
- पिता: सिद्धार्थ, माता: त्रिशला, पत्नी: योशोदा, पुत्री: अनोन्जा प्रियदर्शनी
- 30 वर्ष की उम्र में घर छोड़ना, 42 वर्ष में ज्ञान प्राप्ति (कायल्व्य)
- पहला उपदेश: पावा
- अन्य नाम: जितेन्द्रिय और केवलिन (पूर्ण ज्ञानी)
- ⭐️ महत्व: जैन धर्म का आध्यात्मिक और धार्मिक आधार।
3️⃣ राजनीतिक संरक्षक
- 🔹 चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार, बिंबिसार, अजातशत्रु – प्रमुख संरक्षक
- ⭐️ महत्व: राजाओं द्वारा संरक्षण से धर्म का प्रसार।
4️⃣ सामाजिक जीवन
- 🔹 अनुशासित जीवन, अहिंसा और तप
- 🔹 साधु-साध्वी – धार्मिक जीवन
- ⭐️ महत्व: जीवनशैली और सामाजिक मूल्यों में सुधार।
5️⃣ संस्कृति और धर्म
- 🔹 अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह – मूल सिद्धांत
- 🔹 मोक्ष, ज्ञान प्राप्ति, उपदेश
- 🔹 परिषद:
- प्रथम: 298 ई.पू., बिंदुसार द्वारा, 12 अंग संकलित, अध्यक्ष: स्थूलभद्र
- द्वितीय: वल्लभी, गुजरात
- ⭐️ महत्व: धर्म और नैतिकता का संगठन।
6️⃣ साहित्य और ज्ञान
- 🔹 साहित्य – प्राकृत भाषा
- 🔹 अंगों का संकलन
- ⭐️ महत्व: धर्मग्रंथ और शिक्षा का विकास।
7️⃣ प्रमुख स्थल और प्रमाण
- 🔹 गोमतीश्वर / बाहुबली मूर्ति – श्रवणबेलगोला, कर्नाटक
- 🔹 गुफा मंदिर – रॉक कट
- 🔹 हंथिकुम्फा गुफा – खरवेला, ओड़िशा
- 🔹 उदयगिरि एवं खंडगिरि – ओड़िशा
- 🔹 दिलवारा जैन मंदिर – माउंट आबू, राजस्थान, वास्तुपाल भाई द्वारा निर्माण
- 🔹 बासदी – जैन मठ
- ⭐️ महत्व: स्थापत्य कला, धर्म और संस्कृति का स्थायी प्रमाण।
🏁 निष्कर्ष
- जैन धर्म – अहिंसा, सत्य और मोक्ष का मार्ग।
- तीर्थंकर, सिद्धांत और स्थापत्य कला ने भारतीय संस्कृति पर स्थायी प्रभाव डाला।
- सृजन-क्रम (Evolution Line): तीर्थंकर → जैन परिषद → मध्यकालीन जैन धर्म → आधुनिक जैन समुदाय 🇮🇳
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